कनेडियन इंस्टिट्यूट ऑफ फूड सेफ्टी द्वारा किए गए शोध में लाल राजमा के अंदर जहर पाया गया

कनेडियन इंस्टिट्यूट ऑफ फूड सेफ्टी में छपी एक संलेख के अनुसार, लाल राजमा मतलब कि रेड किडनी बिन्स में फाइटोहेमग्लगुटिनिन नाम का एक जहर विघमान रहता है। राजमा उत्तर भारतीयों के लिए, विशेषकर दिल्ली और पंजाब वालों के लिए उनका पसंदीद खाना है। दरअसल, दिल्ली और पंजाब में तो आपको चहुंओर राजमा चावल के ठेले और दुकान देखने को मिल जाऐंगी। वहां के अधिकांश लोग प्रातः काल नाश्ते में इसका सेवन करते हैं। फिलहाल, आपके दिमाग में एक बात आ रही होगी, कि हम बहुत वर्षों से इसे खाते आ रहे हैं। जब आज तक हमें कुछ नुकसान नहीं हुआ तो आगे क्या ही नुकसान होगा। परंतु, यही आप गलती कर रहे हैं। एक शोध के अनुसार, लाल राजमा जिसे अंग्रेजी में रेड किडनी बिन्स कहा जाता हैं उसमें एक प्रकार का जहर पाया गया है। आइए इस लेख में हम आपको इस रिसर्च और इसमें पाए जाने वाले जहर के संबंध में जानकारी देते हैं।

शोध में क्या कहा गया है

कनेडियन इंस्टिट्यूट ऑफ फूड सेफ्टी में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, लाल राजमा मतलब कि रेड किडनी बिन्स में फाइटोहेमग्लगुटिनिन नाम का एक जहर पाया गया है। फाइटोहेमग्लगुटिनिन की मात्रा यदि आपके शरीर में अधिक बढ़ जाए तो यह आपके आंत को काफी नुकसान पहुँचा सकती है। यहां तक कि इसकी वजह से आप डायरिया के भी शिकार हो सकते हैं। साथ ही, यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की रिपोर्ट के अनुसार, यदि आप सूखे लाल राजमा को 10 मिनट से कम वक्त तक पकाते हैं, तो इसके अंदर उपस्थित जहर पांच गुना तक अधिक बढ़ जाता है। ये भी देखें: गेहूं और चावल की पैदावार में बेहतरीन इजाफा, आठ वर्ष में सब्जियों का इतना उत्पादन बढ़ा है

सफेद राजमा और लाल राजमा में क्या अंतर होता है

जानकारी के लिए बतादें कि लाल राजमा को जहरीला कहा गया है। लेकिन, सफेद राजमा को लेकर ऐसी कोई बात नहीं कही गई है। सफेद राजमा को चित्रा राजमा भी कहा जाता है। यह राजमा पूर्णतया लाल नहीं होता, इसके ऊपर हल्की भूरी धारियां भी होती हैं। यह हिमालय की तलहटी में उत्पादित किया जाता है। लाल राजमा की तुलना में इनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। इसको आप रातभर के लिए भिगो कर रखें और 15 से 20 मिनट तक उबाल कर बनाएं तो यह और भी ज्यादा लाभकारी हो जाती हैं। दरअसल, इनको कच्चा नहीं खाना चाहिए। क्योंकि, इसको कच्चा सेवन करने से यह राजमा आपके पेट की हालत बिगाड़ सकता है। इसलिए खाने से पहले किसी भी तरह के राजमा को बेहतर ढ़ंग से पका कर ही खाएं।